कहानी संग्रह >> प्रतिनिधि कश्मीरी कहानियाँ प्रतिनिधि कश्मीरी कहानियाँअजीज हाजिनीबीना बुदकी
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प्रतिनिधि कश्मीरी कहानियाँ कश्मीरी कहानी की परंपरा बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से प्रारंभ होती है। इस अंतराल में निश्चय ही रोचक एवं प्राणवंत साहित्य की रचना की गई। ऐसी कहानियों का सृजन हुआ जिनसे समूची भारतीय भाषाओं में उसको एक पहचान मिली। सांस्कृतिक नवचेतना से अनुप्राणित कश्मीरी कहानी ने अपने परिवेश के प्रति न केवल ईमानदारी निभाई, बल्कि नित परिवर्तित हो रही परिस्थितियों, मान्यताओं एवं युगबोध को आत्मसात करते हुए अपनी समकालीनता को भी बराबर बनाए रखा।
कश्मीरी कहानी के विभिन्न चरण अपनी मूल रचनात्मक प्रवृत्तियों के साथ जिन कहानियों में दर्ज हुए तथा जिन कथाकारों ने कश्मीरी कहानी के विकास और उन्नयन में महत्त्वपूर्ण प्रयास किए हैं उनकी प्रतिनिधि कहानियों का चयन इस संकलन में किया गया है। इस संकलन में कहानियों की कथाभूमि और परिवेश कश्मीरी संस्कृति और जीवन का प्रामाणिक दस्तावेज तो हैं ही, साथ ही समस्याओं के रचनात्मक संधान में इस क्षेत्र का अतिक्रमण भी करते हैं। इस अर्थ में यह कश्मीरी कहानियों का संकलन कश्मीरी रचनाजगत् का न सिर्फ साक्षात् कराता है, बल्कि भारतीय कथा-साहित्य के विकसित और विराट फलक को भी हमारे सामने उपस्थित करता है।
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